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चि‍रजीवी की काकचेष्‍टा, जग ने करी बखान।
पि‍क बैरी कर आहत सीता, खींचै खोयो सब सम्‍मान।।3।।
पि‍क के घर में सेव कै, कागा पि‍क ना होय।