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Kavita Kosh से
* [[घर में रहकर ही नहीं संवाद हम दोनों के बीच / जहीर कुरैशी]]
* [[पीठ पीछे से हुए वार से डर लगता है / जहीर कुरैशी]]
* [[सत्य ही जब कहनी कहानी लगे / जहीर कुरैशी]]
* [[आँखों से सिर्फ़ सच नहीं, सपना भी देखिए / जहीर कुरैशी]]
* [[पिता के घर से पीहर की दिशा में / जहीर कुरैशी]]