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इच्छा की कली / नरेन्द्र शर्मा

No change in size, 08:08, 6 दिसम्बर 2011
रगें उसकी, रक्त मेरा, कली जिससे लाल है;
कली खिलती, सूखती मेरे हॄदय हृदय की डाल है;
कौन जाने और भी परिणति बुरी हो या भली?
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