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Kavita Kosh से
उनमें से प्रथम तीन
मानव-आकृतियों-से
चौथा था -- — बालू पर
ऊँट भरे डग जैसे ।
उनका सैलानी मन
उनसे आ टकराया ।
लेकिन वह पाँचवाँ था
ख़ासा ख़ुराफ़ातीख़ुराफ़ाती—
अपने डीलडौल में
छिपाए था कई हाथी ।