भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

भगवदाश्रम / सूरदास

1 byte added, 13:45, 9 अक्टूबर 2007
हमैं नँदनंदन मोल लिये ।
 
जम के फंद काटि मुकराए, अभय अजाद किये ।