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काळ दर काळ / रामस्वरूप परेश
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16:05, 17 नवम्बर 2012
लूंठी लू री लाय सूं
घणी पेट री दाझ |
भूख मिटादे मिनख रै
आपस रो अपणेस ।
भूख दिखावै मिनख नै
अणचायो परदेस ।
पोळी बारैं नीमडी
नीचे टूटी खाट ।
धाप्यां कदे न नींद सूं
याद रवैला ठाठ ।
भूख बणादे मतलबी
भूख डिगादे नीत ।
दीठ बिसळज्या भूख सूं
भूखो करै अनीत ।
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