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|रचनाकार=शिवदीन राम जोशी
|
}}
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मोहि तो भरोसो है, भरोसो हनुमान को |
----------------------------------------------
आपनूं ही दास जानि, मेटो दुःख दर्द गम |
मोहि तो भरोसो है, भरोसो हनुमान को || मोहि ...
ज्ञान के निधान गुनी, गुनवान बिरबली |
किये काज रामजी के आपके सामान को || मोहि...
एक हांक मारके जलाई लंक रावन की |
कछु अभिमान नहीं काम ना गुमान को || मोहि...
पूजत सकल जग देव सनमान करें |
ऐसो बलवान नाम रटू गुणवान को || मोहि...
दीनन के दुःख हरे संतन के काज करे |
कहूँ से ना डरे आप जानत जहान को || मोहि...
पायक हो रामजी के लायक हो बालासाब |
अंजनी के लाल हो सपूत सत्य ध्यान को || मोहि ...
जय-जय हनुमंत पंथ सारे ही सुपंथ |
आप सिवा कौन और जान पहचान को || मोहि...
</poem>
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|रचनाकार=शिवदीन राम जोशी
|
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मोहि तो भरोसो है, भरोसो हनुमान को |
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आपनूं ही दास जानि, मेटो दुःख दर्द गम |
मोहि तो भरोसो है, भरोसो हनुमान को || मोहि ...
ज्ञान के निधान गुनी, गुनवान बिरबली |
किये काज रामजी के आपके सामान को || मोहि...
एक हांक मारके जलाई लंक रावन की |
कछु अभिमान नहीं काम ना गुमान को || मोहि...
पूजत सकल जग देव सनमान करें |
ऐसो बलवान नाम रटू गुणवान को || मोहि...
दीनन के दुःख हरे संतन के काज करे |
कहूँ से ना डरे आप जानत जहान को || मोहि...
पायक हो रामजी के लायक हो बालासाब |
अंजनी के लाल हो सपूत सत्य ध्यान को || मोहि ...
जय-जय हनुमंत पंथ सारे ही सुपंथ |
आप सिवा कौन और जान पहचान को || मोहि...
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