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Kavita Kosh से
यहाँ वहाँ छोड़ना
मुझको पहुँचाया है तुम तक अनुराग ने.. ।।
एक पेड़ चाँदनी
लगाया है आँगने
फूले तो आ जाना
एक फूल माँगने ।
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