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धन के लालच ने आधमों का किया अपावन अन्तस्तल।
इस दहेज के दानव ने सारे समाज को दिया है कुचल।।
ओ समाज के ठेकेदारो! तनिक होश में तुम आओं,
कब तक होगा यह विनाश का ताण्डव यह तो बतलाओ,