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{{KKRachna
|रचनाकार=प्रभुदयाल श्रीवास्तव
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatBaalKavita}}
<poem>आफिस जाते जाते भालू ,
भूल गये मोबाईल|
मार किसी ने टक्कर उनको,
किया सड़क पर घायल|
कैसे हाय हलो कर पाते,
कैसे हाल बताते|
किसी तरह वापिस घर आये,
रोते और चिल्लाते|
अब तो रस्सी डाल गले में ,
मोबाईल को बांधा|
फिर न भूलेंगे मोबाईल ,
किया सभी से वादा|</poem>
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|रचनाकार=प्रभुदयाल श्रीवास्तव
|अनुवादक=
|संग्रह=
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<poem>आफिस जाते जाते भालू ,
भूल गये मोबाईल|
मार किसी ने टक्कर उनको,
किया सड़क पर घायल|
कैसे हाय हलो कर पाते,
कैसे हाल बताते|
किसी तरह वापिस घर आये,
रोते और चिल्लाते|
अब तो रस्सी डाल गले में ,
मोबाईल को बांधा|
फिर न भूलेंगे मोबाईल ,
किया सभी से वादा|</poem>