भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
{{KKCatBaalKavita}}
<poem>
दो चूहों को मिले सड़क पर,
काले हाथी दादा|
उन्हें देख बोला इक चूहा
बोला तभी दूसरा चूहा,
उचित नहीं यह भाई |किसी अकेले से दो मिलकर ,
कर दे हाथापाई
दुनियाँ वालों को भी यह सब,
होगा नहीं गवारा,|
लोग कहेंगे दो सेठों ने,
एक गरीब को मारा|</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
2,357
edits