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सारे जहाँ को अब तो ख़बर है , और आप हैं अब आप ही का हाशियागर <ref>बातें बनाने वाला </ref>है , और आप हैं
इस दिल पे आप ही का असर है , और आप हैं आयें न, आप ही का ये घर है , और आप हैं
ये ख़्वाब है या मीर के दीवान<ref>पांडुलिपि</ref> का वरक़
देखें कहां से पहले सरकता है अब हिजाब
ये आईना है, मेरी नज़र है , और आप हैं
दिल ही न जब रहेगा, रहेंगे कहां जनाब
कुछ और पहनो ,छोडो ये साड़ी सम्हालना
कांटों भरी ये राहगुज़र है , और आप हैं
लिक्खूँ गज़ल के घाव कुरेदूं , में किया करूं
शब<ref>रात</ref>> मूड में है ताबे-हुनर<ref>कला की उच्चता</ref> है और आप हैं
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