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Kavita Kosh से
सौ आफतें हों सामने,
उजड़ा भले ही गेह हो।
हो देश की जय ,भय नहीं,
हमको जरा है क्लेश का।
बाजी लगा कर प्राण की,
हम साथ देंगे देश का।
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