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पके-पके क्या आम रसीले, हरे-लाल हैं नीले-पीले। आँधी अगर कभी आ जाती, आम हज़ारों पीट गिराती। इनको लेकर चलो ताल पर, वहाँ खूब पानी से धोकर।सौ-पचास तक खाएँगे हम, आज न भोजन पाएँगे हम।पीले!
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