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रंग गुलाबी उनका फीका पड़ चुका है
पर चाहते हैं वे प्रेम का लम्बा चुम्बन
पर और मई महीना अब गुज़र चुका है
हे ईश्वर ! प्रेम कितना है ज़्यादा
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