भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मूँगफली / शरदकुमार मिश्र 'शरद'

885 bytes added, 17:47, 6 अक्टूबर 2015
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शरदकुमार मिश्र 'शरद' |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=शरदकुमार मिश्र 'शरद'
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatBaalKavita}}
<poem>बड़ी करारी मूँगफली,
आओ खाएँ मूँगफली!

बड़ी बहन बादाम की
फिर भी सस्ते दाम की,
महलों से फुटपाथों तक
सभी चबाते मूँगफली!

मम्मी, पापा खाते हैं
सर्दी दूर भगाते हैं,
बिना दाँत के बाबा को
भी ललचाएँ मूँगफली!

सबके मन को भाती है
तन में गरमी लाती है,
खाकर पानी मत पीना
खाँसी कर दे मूँगफली!
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
2,956
edits