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रंगबाज बनाबै ले’ लेॅ सोचै छी, हमहूँ छोटका छौंड़ा के
हमराज बनावै ले सोचै छी, हमहूँ छोटका छौंड़ा के
छै आइ तलक जे गोंग ओकर
आबाज बनाबै ले’ लेॅ सोचै छी, हमहूँ छोटका छौंड़ा के
आतंकित छै जे डरि गेलै, ऊ जीते-जी जे मरि गेलै
ई लड़तै ओकरा संग मिलि कए, बिना लड़ल जे हरि गेलै
हम छोड़ि देलौं आशा कल्ह के
अब आज बनाबै ले’ लेॅ सोचै छी, हमहूँ छोटका छौंड़ा के
सब दिन गाय समझने छै, जेकरा भाय ने भाय समझने छै
ई समझैतै ओइ निमला के, जे ब’हु के भौजाय समझने छै
ई पकड़इतै राइफल ओकरा, जे पेस्तौल ने कबहु पकड़ने छै
हारि देल कै जे हिम्मत, ओकर
मिजाज बनाबै ले’ लेॅ सोचै छी, हमहूँ छोटका छौंड़ा के
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