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Kavita Kosh से
हमरोॅ अंतस में बैठलोॅ
जस के तस आइयो
सांस ले रहलोॅ छै |।
देह नै छै तेॅ कि
बिना देह के
उ हमारा मेॅ जिंदा छै |।
जा तक हम्मे जिंदा छियै
हमरोॅ संग हमरोॅ
माइयो जिंदा रहतै |।
जन्मौती के पैहिने