भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शिवदीन राम जोशी }} {{KKCatKavita}} Category:लम्ब...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=शिवदीन राम जोशी
}}
{{KKCatKavita}}
[[Category:लम्बी रचना]]
{{KKPageNavigation
|पीछे=कृष्ण सुदामा चरित्र / शिवदीन राम जोशी / पृष्ठ 9
|आगे=कृष्ण सुदामा चरित्र / शिवदीन राम जोशी / पृष्ठ 11
|सारणी=कृष्ण सुदामा चरित्र / शिवदीन राम जोशी
}}
<poem>
दीवार चमकती महलों की,
मुख दिखलाई देता था,
धन्य द्वारिका देखा जिसने,
अदभुत आनन्द लेता था |
सुन्दर सुन्दर कई बाग वहाँ,
और नगर चहुँ ओर रहे,
उनमें रंग बिरंगे खिलते,
फूल फूल चित चोर रहे |
तरह तरह के फल फूलों से,
बाग बगीचे सुन्दर थे,
514
edits