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घुप अन्धेरा चारसू है सोज़ लेकिन फ़ितरतन<ref>स्वाभाविक रूप से</ref>
क़तराक़तरा क़तरा-क़तरा नूर<ref>प्रकाश</ref> का पलकों से चुनता जाय है॥
1987-2017
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