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|रचनाकार=दीनदयाल शर्मा
|अनुवादक=
|संग्रह=रीत अर प्रीत / दीनदयाल शर्मा
}}
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<poem>
खेतां मांय
ओढ्यां पीळौ पोमचौ
सरस्यूं
हरख मनावै
मोरिया नाचै
अर
कोयलड़्यां
गीत गावै
मधरी-मधरी चालै
आ
पुरवाई पून
जद आवै
बसंत
म्हारै गांम
बसंत....
थूं बसज्या नीं
बसंत
थूं बसज्या
म्हारै गांम।
</poem>
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|अनुवादक=
|संग्रह=रीत अर प्रीत / दीनदयाल शर्मा
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<poem>
खेतां मांय
ओढ्यां पीळौ पोमचौ
सरस्यूं
हरख मनावै
मोरिया नाचै
अर
कोयलड़्यां
गीत गावै
मधरी-मधरी चालै
आ
पुरवाई पून
जद आवै
बसंत
म्हारै गांम
बसंत....
थूं बसज्या नीं
बसंत
थूं बसज्या
म्हारै गांम।
</poem>