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{{KKRachna
|रचनाकार=डी. एम. मिश्र
|संग्रह=
}}
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<poem>
प्यार होता है हर कहानी में
नदी अच्छी लगे रवानी में।
उम्र का भी कुसूर होता है
भूल हो जाती है जवानी में।
उसने माँगा था कोई नज़राना
ले गया दिल मेरा निशानी में।
झील में पाँव उतारा उसने
लग गयी आग जैसे पानी में।
बुझ गयी प्यास मिट गयी हसरत
फिर रखा क्या है जिंदगानी में।
</poem>
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|रचनाकार=डी. एम. मिश्र
|संग्रह=
}}
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प्यार होता है हर कहानी में
नदी अच्छी लगे रवानी में।
उम्र का भी कुसूर होता है
भूल हो जाती है जवानी में।
उसने माँगा था कोई नज़राना
ले गया दिल मेरा निशानी में।
झील में पाँव उतारा उसने
लग गयी आग जैसे पानी में।
बुझ गयी प्यास मिट गयी हसरत
फिर रखा क्या है जिंदगानी में।
</poem>