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<poem>
याद जब डबाडब हो
ठीक से लगा दो ढक्कन उस पर--
आज सुबह का सबसे खूबसूरत लफ़्ज
कहा गुस्ताख़ शाम ने--
'''अनुवाद : मनोज पटेल'''
</poem>
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ठीक से लगा दो ढक्कन उस पर--
आज सुबह का सबसे खूबसूरत लफ़्ज
कहा गुस्ताख़ शाम ने--
'''अनुवाद : मनोज पटेल'''
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