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बदले मौसम, बदलें हम सुख- दुःख यकसाँ, करलें अपना समझें हम
फ़ुरसत हो तो आ जाओ कुछ सुनलें कुछ, कहलें हम
इक दूजे की आँखों से दिल में क्या है, पढ़लें हम
रोएंगे रोएँगे तन्हाई में क़ुर्बत में तो, हंसलें हम
दुनिया भर के ग़म सारे हँसते-हँसते, सहलें हम  छोटी-छोटी चीज़ों से
बच्चों जैसे, बहलें हम
दुनिया भर के ग़म सारेहँसते-हँसते, सहलें हम आओ 'रक़ीब' दुआओं से खाली ख़ाली झोली, भरलें हम
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