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{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
थनै अंगेजण
छौळां छौळ
उफणूं,
म्हैं।
आपौ बिसराय
म्हारै खार
रळ-मिळ जावै
थूं !
इण अमर आस रै
ओळावै
के निपजैला
मूंघा मोती।
</poem>