भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वाल्टर सेवेज लैंडर |अनुवादक=तरुण...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=वाल्टर सेवेज लैंडर
|अनुवादक=तरुण त्रिपाठी
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
तुम मुस्काई, तुम बोली, और मैंने भरोसा कर लिया,
हर शब्द और हर मुस्कान पर धोखा खाया.
दूसरा कोई अब कुछ उम्मीद नहीं रखेगा;
ना ही मैं रखूं, जो उम्मीद पहले रख आया:
पर इस अंतिम इच्छा को व्यर्थ नहीं होने दो
फिर धोखा दो मुझे, फिर धोखा दो!
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=वाल्टर सेवेज लैंडर
|अनुवादक=तरुण त्रिपाठी
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
तुम मुस्काई, तुम बोली, और मैंने भरोसा कर लिया,
हर शब्द और हर मुस्कान पर धोखा खाया.
दूसरा कोई अब कुछ उम्मीद नहीं रखेगा;
ना ही मैं रखूं, जो उम्मीद पहले रख आया:
पर इस अंतिम इच्छा को व्यर्थ नहीं होने दो
फिर धोखा दो मुझे, फिर धोखा दो!
</poem>