भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
|रचनाकार=कृष्ण पाख्रिन
|अनुवादक=
|संग्रह=शताब्दी / कृष्ण पाख्रिन
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatNepaliRachna}}
<poem>
अस्तित्व आकाशलाई च्यापेर मुठ्ठीमा एकपल्ट
जिन्दगीको विश्लेषण गर्छु