भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
<poem>
ग़म नहीं हो तो ज़िंदगी भी क्या
ये गलत ग़लत है तो फिर सही भी क्या
सच कहूँ तो हज़ार तकलीफ़ें
रंग वो क्या है जो उतर जाए
जो चली जाए वो खुशी ख़ुशी भी क्या
</poem>
Mover, Reupload, Uploader
3,998
edits