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Changes
Kavita Kosh से
वे फिर से अपनी ज़ंजीरें ठीक करते हैं बेल्ट कसते हैं
वे अपने मोबाइलों को अपने हथियारों की तरह उठाते हैं
और फिर से कुछ ख़ऱीदने ख़रीदने के लिए चल देते हैं।
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