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'''जब लडकी की विवाह के बाद बिदाई होती है तब सभी महिलाये उसे विदा करते हुए यह सीख देती है।'''

मात कहे बात भली सुन सुन्दरी,
लक्ष धरी वात न निभाव्जे हो
सयानी कुल न ल्जाव्जे।
ससरा खअपना बाप सम जान्जे,
सासु ख माय सम जान्जे
ओ सयानी...
जेठ का सामन हलू हलू चालजे,
जेठानी का मान ख ब्धावजे
ओ सयानी...
देवर ख अपना भाई सम जान्जे,
देरानी ख सई [सहेली] सम जाणिजे
ओ सयानी ....
नन्द ख अपनी बैन सम जान्जे,
ननदोई जी आया मिज्वान
ओ सयानी....
मात कहे बात भली सुन सुन्दरी,
लक्ष धरी बात न निभाव्जे
वो सयानी कुल न ल्जाव्जे
</poem>