भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रमेश तन्हा |अनुवादक= |संग्रह=तीसर...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रमेश तन्हा
|अनुवादक=
|संग्रह=तीसरा दरिया / रमेश तन्हा
}}
{{KKCatRubaayi}}
<poem>
खुद अपने ही तजरिबात से डरता हूँ
अहसास की वारिदात से डरता हूँ
माहौल में ज़हर भर गया है इतना
आदम की ही अब तो ज़ात से डरता हूँ।
</poem>
Mover, Reupload, Uploader
3,967
edits