भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=संदीप रावत }} {{KKCatGadhwaliRachna}} <poem> तेरू ही श...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=संदीप रावत
}}
{{KKCatGadhwaliRachna}}
<poem>
तेरू ही शुभाशीष च हे जो कुछ बि पायि मिन
माता सरस्वती हे माँ , माता सरस्वती हे माँ
माता भगवती हे माँ ..
गीत, शब्द, लय ,ताल ,छन्द त्वेसे ही औंदन
मिठ्ठी वाणी,मिठ्ठा बोल कण्ठ त्वेसे ही औंदन
मेरा कण्ठ -कलम मा वास हो , कण्ठ -कलम मा वास हो
माता सरस्वती हे माँ.. ,तेरू ही शुभाशीष च हे..
मि निराट अग्यानी छौ ,खोटु छौ मि भारी माँ
कुपथ बटि सुबाटोम् त्वेन ही मी राखी माँ
सत का बाटाें हिटदी रौं , सच सदानि लिखदी रौं
माता सरस्वती हे माँ....
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=संदीप रावत
}}
{{KKCatGadhwaliRachna}}
<poem>
तेरू ही शुभाशीष च हे जो कुछ बि पायि मिन
माता सरस्वती हे माँ , माता सरस्वती हे माँ
माता भगवती हे माँ ..
गीत, शब्द, लय ,ताल ,छन्द त्वेसे ही औंदन
मिठ्ठी वाणी,मिठ्ठा बोल कण्ठ त्वेसे ही औंदन
मेरा कण्ठ -कलम मा वास हो , कण्ठ -कलम मा वास हो
माता सरस्वती हे माँ.. ,तेरू ही शुभाशीष च हे..
मि निराट अग्यानी छौ ,खोटु छौ मि भारी माँ
कुपथ बटि सुबाटोम् त्वेन ही मी राखी माँ
सत का बाटाें हिटदी रौं , सच सदानि लिखदी रौं
माता सरस्वती हे माँ....
</poem>