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वह एक राहगीर है जो सोचता हो कि मैं हत्यारा हूँ
वह डरा हुआ है, और मैं भी !
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'''[[ऊ शान्त थियो, र म पनि / महमुद दरविस / सुमन पोखरेल|यहाँ क्लिक गरेर यस कविताको नेपाली अनुवाद पढ्न सकिन्छ]]'''
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