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[[Category:हाइकु]]
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23तुम्हारे बिनपतझड़ का वृक्षमेरा जीवन।24आपका आनाहिलोरें-सी उठनाशांत नदी में ।25चाँद लेखनीलहरों पर लिखूँप्रेम रागिनी।26ओ मनमीत !बिन कहे कहानीतुमने जानी।27मुकुलित थींतुम्हें देख मन कीआशाएँ खिलीं।28खिली पूर्णिमाप्रेम दीप के बिनाउजाला कहाँ?29रात प्रहरीकैसे आऊँ मैं प्रिय ?लाँघ देहरी।30प्रेम आँकनाशब्दों की तुला परहै सहज न !31तुम्हारा स्पर्शसूर्यकांत मणि-सीपिघलती मैं ।32प्रेम तुम्हारालिखता मन परप्रणय ग्रन्थ ।33'''जीवन क्या है!'''
उड़ी, चढ़ी लो कटी
गिरी पतंग
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