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Kavita Kosh से
किसी की ख़ाक ए कफ़ ए पा है कायनात मेरी,
सितारो, छोड़ो मुझे आसमां से उठने दो।
तुम अपने सर पे ये इल्ज़ाम क्यों उठाते हो,
वफ़ा का मुद्दआ मेरी ज़बां से उठने दो।