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Kavita Kosh से
मुझे लगता है कि मुझे अपना दिमाग ठण्डा रखना चाहिए
तब मेरे लिए यह दुनिया भी सूख जाएगी एक सूखी पत्ती की तरह
या कुकरौन्धे की फली की तरह और सफ़ साफ़ हो जाएगी।
तब मैं तुम्हें फिर से पा सकूँगा,
अकेला ।