भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= हैरॉल्ड पिंटर |अनुवादक=अरुण कमल |...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार= हैरॉल्ड पिंटर
|अनुवादक=अरुण कमल
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
वो आवाज़ कैसी थी ?

मैं मुड़ता हूँ, उस कमरे की ओर जो हिल रहा है ।

वो आवाज़ कैसी थी जो अन्धेरे से आई ?
कैसा है यह प्रकाश का भूलभुलैया जिसमें वह छोड़ती है हमें ?
यह कैसी मुद्रा है
हटने और फिर लौटने की ?
यह क्या सुना हमने ?

यह वही साँस थी, जो हमने ली थी, जब हम पहली बार मिले थे ।

सुन । यह यहीं है ।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits