भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
लगातार आते रहेंगे लोग इन रास्तों पर
बार-बार पुराना देवदार अपनी पत्तियाँ फेंकता रहेगा हमारी खिड़कियों के पास ।हमारे बाद भी चीज़ें रहेंगी इसी तरहअगर ईश्वर की दया-दृष्टि रहे।
'''मूल रूसी से अनुवाद : वरयाम सिंह'''
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,606
edits