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{{KKRachna
|रचनाकार=विलिमीर ख़्लेबनिकफ़
|अनुवादक=वरयाम सिंह
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
[[Category:रूसी भाषा]]
<poem>
कुछ नहीं चाहिए !
बस, टुकड़ा-भर रोटी
बूँद-भर दूध
यह आकाश
और ये बादल !
</poem>
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|रचनाकार=विलिमीर ख़्लेबनिकफ़
|अनुवादक=वरयाम सिंह
|संग्रह=
}}
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[[Category:रूसी भाषा]]
<poem>
कुछ नहीं चाहिए !
बस, टुकड़ा-भर रोटी
बूँद-भर दूध
यह आकाश
और ये बादल !
</poem>