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Kavita Kosh से
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”धर्म क्या है औ’ क्या है सत्य,
मुझे क्षण-भ्र भर चिन्ता इसकी न।
शास्त्र की चर्चा होती वहाँ
जहाँ नर होता शस्त्र-विहीन॥“