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सफ़र / मरीना स्विताएवा

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<Poem>
ख़ानाबदोशों का शुरू हो गया सफ़र
कब्रों क़ब्रों की दुनिया में
रात की ज़मीन पर
टहल रहे हैं पेड़,
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