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नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मोमिन |संग्रह= }} [[Category:ग़ज़ल]] <poem> अजल जाँ-ब-लब उसके श...
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=मोमिन
|संग्रह=
}}
[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>
अजल जाँ-ब-लब उसके शेवन1 से है
यह नादिम2 मेरे ज़ूद-कुश्तन3 से है
वह बदख़्वाह मुझसा तो मेरा नहीं
अबस दोस्ती तुमको दुश्मन से है
मेरे दाग़ याद आये गुल देखकर
कि बेज़ार वह सैरे-गुलशन से है
जलाने से भी तेरा शाकिर4 हूँ मैं
गिला नाला-ए-अतिश-अफ़गन5 से है
शबे-ग़म मुए-शमअ को देखकर
हमें ख़िजलत6 उस शोख़ बदज़न7 से है
मेरा ख़ून क्या बाद गर्दन हुआ
कि बेताब वह दर्दे-गर्दन से है
जहाँ ख़ाक उड़ायी वहीं दबे रहे
कदूरत अबस फ़िक्रे-मदफ़न8 से है
नयी कुछ नहीं अपनी जाँ-बाज़ियाँ
यही खेल हमको लड़कपन से है
'''शब्दार्थ:
1. सुलूक, 2. शर्मिन्दा, 3. शीघ्र मरण, 4. शुक्रगुज़ार, 5. अग्नि वर्षा कर देने वाला क्रंदन, 6. शर्मसारी, 7. संदेह करने वाली प्रेयसी, 8. समाधि की चिंता
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=मोमिन
|संग्रह=
}}
[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>
अजल जाँ-ब-लब उसके शेवन1 से है
यह नादिम2 मेरे ज़ूद-कुश्तन3 से है
वह बदख़्वाह मुझसा तो मेरा नहीं
अबस दोस्ती तुमको दुश्मन से है
मेरे दाग़ याद आये गुल देखकर
कि बेज़ार वह सैरे-गुलशन से है
जलाने से भी तेरा शाकिर4 हूँ मैं
गिला नाला-ए-अतिश-अफ़गन5 से है
शबे-ग़म मुए-शमअ को देखकर
हमें ख़िजलत6 उस शोख़ बदज़न7 से है
मेरा ख़ून क्या बाद गर्दन हुआ
कि बेताब वह दर्दे-गर्दन से है
जहाँ ख़ाक उड़ायी वहीं दबे रहे
कदूरत अबस फ़िक्रे-मदफ़न8 से है
नयी कुछ नहीं अपनी जाँ-बाज़ियाँ
यही खेल हमको लड़कपन से है
'''शब्दार्थ:
1. सुलूक, 2. शर्मिन्दा, 3. शीघ्र मरण, 4. शुक्रगुज़ार, 5. अग्नि वर्षा कर देने वाला क्रंदन, 6. शर्मसारी, 7. संदेह करने वाली प्रेयसी, 8. समाधि की चिंता
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