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Kavita Kosh से
|रचनाकार=पॉल एल्युआर
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मेरी जीभ के नीचे
बहती है सरिता
मेरी जीभ के नीचे बहती है सरिता जल ...जिसकी कल्पना भी नहीं करते हममेरी छोटी -सी नाव
और गिरे हुए परदे
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