भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
}}
दर्द बढ बढ़ कर फुगाँ <sup>1</sup> ना हो जाये
ये ज़मीं <sup>2</sup> आसमाँ <sup>3</sup> ना हो जाये
(फुगाँ : lamentation; ज़मीं : earth; आसमाँ : sky)
दिल में डूबा हुआ जो नश्तर<sup>4</sup> है
दिल में डूबा हुआ जो नश्तर है मेरे दिल की ज़ुबाँ <sup>5</sup> ना हो जाये (नश्तर : dagger; ज़ुबाँ : voice)
दिल को ले लीजिए जो लेना हो
फिर ये सौदा <sup>6</sup> गराँ <sup>7</sup> ना हो जाये (सौदा : bargain; गराँ : costly)
आह <sup>8</sup> कीजिए मगर लतीफ़-तरीन<sup>9</sup>
लब तक आकर धुआँ <sup>10</sup> ना हो जाये
(1. फुगाँ : lamentation; 2. ज़मीं : earth; 3. आसमाँ : sky 4. नश्तर : dagger; 5. ज़ुबाँ : voice 6. सौदा : bargain; 7. गराँ : costly 8. आह : sigh; 9. लतीफ़-तरीन : pleasant; 10. धुआँ : smoke)
Mover, Uploader
752
edits