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<poem>आज बाज़ार में पा-ब-जौला चलो
आज बाज़ार में पा-ब-जौला चलो
दस्त-अफ्शां चलो, मस्तोमस्त-ओ-रक़्सां चलो
खाक-बर-सर चलो, खूं-ब-दामां चलो
राह तकता है सब शहरेशहर-ए-जानां चलो
इनका दमसाज़ अपने सिवा कौन है
फिर हमीं क़त्ल हो आयें यारों चलो
आज बाज़ार में पा-ब-जौला चलो