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सुलहजूई ने गुनहगार मुझे ठहराया।
जुर्म साबित जो किया चाहो तो मुश्किल हो जाय़।।
नाख़ुदा को नहीं अब तक तहे-दरिया की ख़बर।
डूबकर देखे तो बेगानये-साहिल हो जाय़॥
एक ही सजदा क्या दूसरे का होश कुजा।
ऐसे सजदे का यह अंजाम कि बातिल हो जाय॥