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जरायु / श्रीनिवास श्रीकांत

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|रचनाकार=श्रीनिवास श्रीकांत
|संग्रह=नियति,इतिहास और जरायु / श्रीनिवास श्रीकांत
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<poem>टूटी पायदानों पर खड़े हैं ज़रथुश्त
जंगल से युद्ध् का कोई समाचार नही आया
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