भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सरोज परमार |संग्रह=समय से भिड़ने के लिये / सरोज प...
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सरोज परमार
|संग्रह=समय से भिड़ने के लिये / सरोज परमार
}}
[[Category:कविता]]
<poem>पिछले तीस सालों से
इसी पगडण्डी पर भागते-दौड़ते
यूँ तो सुनहली फसलों की
झेली है मुस्कान।
जंगली झाड़ों पर खिलते फूलों
से चुराई है नज़र
हवाओं से बिखरते बीजों
बारिशों से अँकुराते पौधों
ने रोकी है डगर
पर इन सबकी अनदेखी कर
भाग रहा हूँ।
ख़्याल आया आज अचानक
कहने को दो कम पचास का हूँ
मालिकों के विश्वास का हूँ
गर हालात ने चूस न लिया होता
मेरा पुरूष
तो कोई नन्हा मेरी अँगुली
थामे संग-संग भाग रहा होता।</poem>
Mover, Uploader
2,672
edits