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{{KKRachna
|रचनाकार=रंजना भाटिया
|संग्रह=
}}
<poem>कहा
उसने
कि
नयनों की
झील में
डूबना...
मन को भाता है.....
सुना
दिल ने
कि ...
प्रेम की
एक बूंद का
मिलना भी
रूह से रूह को
जोड़ जाता है !!</poem>
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|रचनाकार=रंजना भाटिया
|संग्रह=
}}
<poem>कहा
उसने
कि
नयनों की
झील में
डूबना...
मन को भाता है.....
सुना
दिल ने
कि ...
प्रेम की
एक बूंद का
मिलना भी
रूह से रूह को
जोड़ जाता है !!</poem>