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|संग्रह=समुद्र पर हो रही है बारिश / नरेश सक्सेना
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चट्टानों के आसपास फूल उन्हें खिलना सिखाते रहे
चट्टानें डरती रहीं
उन्हें दिखता रहा फूलों का मुर्झाना।
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